रिपोर्ट-मुकेश बछेती
जिसके कारण इसकी खपत अधिक है तो मांग भी अधिक होना स्वाभाविक है। अधिकांश मेडिकल स्टोर या दुकानों में मास्क नहीं मिल रहे। ऐसे में नगर पालिका पौड़ी के अंतर्गत संचालित होने वाले एनयूएलएम के स्वयं सहायता समूहों की यह पहल काबिले तारीफ है। आपको बता दे कि इन समूहों वो लोग या परिवार जुड़े हुए हैं जो इसी तरह से छोटे मोटे उत्पाद घरों में बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। इसमें सोशल डिसटेंस का भी खास तौर पर ध्यान दिया जा रहा है।
हाल ही एक सूचना आई है कि पौड़ी नगर से भी कुछ लोग दिल्ली निजामुदीन के मरकज में शामिल होने गए थे। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने अब उनकी पहचान कर ली है। ऐसे में इन स्थानों पर भी संक्रमण की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती हैं। इन हालातों में स्थानीय स्तर पर मास्क का निर्माण होना सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर है और आजीविका के लिहाज से भी। स्वरोजगार योजना के तहत बन रहे इन मास्कों की कीमत भी बाजार में मिल रहे मास्को से बहुत कम है।
जेयनरी राणा,स्थानीय महिला
लक्ष्मी नेगी,स्थानीय महिला