





लोकजन टुडे, देहरादून
रिपोर्ट- उमेश पंत-:
लालकुआं और बिन्दुखत्ता से आ रही थी कच्ची शराब बिक्री की शिकायतें ।
कम संसाधनों के चलते सभी बिक्री के अडडों पर जाना था मुश्किल।
कच्ची शराब बनाने के मूल अड्डों (श्रोतों) के ही समूल विनष्टीकरण की बनी योजना।
कच्ची शराब बनाने वालों की खैर नही ।
लालकुआं और बिंदुखता क्षेत्र के जंगलों में हुआ पीछा।
शराब माफियाओं में मचा हड़कंप।
कच्ची शराब बनाने वाले कई माफिया भागे ।
कई हुए जमीदोश ।
अब अंग्रेजी शराब बेचने वालों की बारी ।
लालकुआं वन विभाग और आबकारी विभाग ने संभाला मोर्चा ।
मैपिंग की गई है , जंगल के सारे रास्तों की आज।
बिंदुखत्ता के जंगलों से भगाए गए कच्ची शराब के तस्कर ।
कई तस्कर विभाग को देखकर घर से बाहर ही नहीं निकले।
कोरोना वायरस के चलते तस्कर हो गए थे सक्रीय फिर विभाग ने संभाला मोर्चा।
तस्कर ढोरा डैम से ला रहे थे शराब।
अंतर्जनपदीय इस परिवहन से है क्षेत्र को कोरोना का खतरा ।
इसलिए भी इस अंतर्जनपदीय परिवहन पर अंकुश लगाना है जरूरी ।
आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना किसी भी हाल में बख्शे नहीं जाएंगे शराब तस्कर ।
आंखों देखी ग्राउंड जीरो से आबकारी विभाग की यह रिपोर्ट ।
सुबह से शाम 12 घंटे तक
आबकारी विभाग ने और उनके साथियों ने की तस्करों की खोज 12 घंटे तक खाने से भी रहे वंचित ।
बिना बताए मिशन रहेगा जारी एक बड़ी सफलता के दिए संकेत ।
इस मिशन में मुख्य रूप से शामिल -:
महेंद्र सिंह बिष्ट आबकारी निरीक्षक ।
पूरन चंद जोशी आबकारी निरीक्षक ।
अनिल जोशी रेंजर डॉली रेंज ।
हरीश जोशी आबकारी निरीक्षक ।
मोहन सिंह कोरंगा उप आबकारी निरीक्षक ।
पान सिंह तडागी उप आबकारी निरीक्षक ।
आनंद दोसाद प्रधान आबकारी सिपाही ।
महेश लोहनी वाहन चालक ।
जगत सिंह वाहन चालक ।
धीरेंद्र कुमार पीआरडी जवान ।