लोकजन टुडे, पौड़ी
रिपोर्ट: मुकेश बछेती


गांवों से पलायन रोकने के लिए बनाए गए गठित पलायन आयोग के उपाध्यक्ष ही पौड़ी से पलायन कर गए। आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने पौड़ी गांव में स्थित अपने पैत्रिक आवास के कुछ हिस्से को देहरादून निवासी एक व्यक्ति को बेच दिया है। जिसकी बीते दिनों रजिस्ट्री भी करा दी गई है। वहीं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने बताया है कि उन्होंने अपने छोटे भाई के हिस्से का मकान बेचा है। छोटा भाई लॉक डाउन के कारण मुंबई में फंसा हुआ है,उन्होंने बताया ने कहा कि उनके पास पॉवर आफ अर्टनी थी। पलायन से जूझ रहे उत्तराखंड के गांवों को बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने अक्टूबर 2017 में पलायन आयोग का गठन किया। आयोग गठन के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि आयोग पहले चरण के दौरान उन गांवों को फोकस करेगा जहां आधी से अधिक आबादी अभी रह रही है,दूसरे चरण में अयोग उन गांवों पर लक्ष्य निर्धारित करेगा जो पलयान से पूरी तरह खाली हो गए हैं,लेकिन गठन के तीन साल बाद भी आयोग पलायन को रोकने में कोई खास उपलब्धि अपने खाते में नहीं जोड़ पाया है,इन तीन सालों में गांवों से लगातार पलायन जारी रहा है, हालांकि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए गए लॉक डाउन के दौरान कई प्रवासियों ने गांवों की ओर रुख किया,जिससे इन दिनों गांवों में खासी चहल पहल है। अब कांग्रेस पार्टी द्वारा पलायन आयोग के उपाध्यक्ष पर पौड़ी से पलायन करने का आरोप लगाया है,उनका कहना है कि जब उपाध्यक्ष पहाड़ों से पलायन कर देगा तो पलायान आयोग का क्या महत्व रह जाएगा। वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि जिनके ऊपर पलायन रोकने की जिम्मेदारी थी आज वे भी पहाड़ो को यू ही छोड़ चले जा रहे है,जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
सरिता नेगी,कांग्रेस नेता
बाइट2-राजीव खत्री,वरिष्ठ पत्रकार