

21 दिनों के लोग डाउन खत्म होने के बाद से लॉक डाउन 2 जारी है ऐसे में दुकानों से लेकर मॉल कंपनियां फैक्ट्रियां सहित तमाम छोटे-बड़े प्रतिष्ठान बंद हैं जिसके चलते विद्युत विभाग को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है लेकिन दूसरी तरफ घरेलू बिजली खपत होने से यूपीसीएल को राहत जरूर मिल रही है
एंकर- उत्तराखंड में आंकड़ों पर गौर करें तो कुल मिलाकर 24 लाख उपभोक्ता हैं जिसमे 18 लाख कॉमर्शियल और 6 लाख घरेलू उपभोक्ता हर ऐसे में लोकडाउन होने के चलते जहां आम दिनों में 40 एमएम मिलियन यूनिट बिजली की खपत होती थी वहीं आज नॉर्मल 20 मिलियन यूनिट तक ही बिजली की खपत हो रही है और यूपीसीएल करीब 3 से 5 मिलियन यूनिट पर कौड़ियों के दाम में बिजली केंद्रीय पूल को बेच रहा है उत्तराखंड में 15 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हो रही है केंद्रीय पूल से 13 मिलियन यूनिट प्रति दिन राज्य को मिलती है दो से ढाई मिलियन यूनिट अन्य जनरेटर यूपीसीएल बिजली मिलती है ऐसे यूपीसीएल महज आधी बिजली खपत से काम चला रहा है
बी सी के मिश्रा एमडी यूपीसीएल
ऐसे में साफ तौर पर अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर लॉक डाउन की अवधि इसी प्रकार बढ़ती रही तो यूपीसीएल को करोड़ों रुपए का नुकसान होना स्वाभाविक है हालांकि राहत तो इस बात से जरूर मिल रही है कि लॉक डाउन के चलते घरेलू बिजली खपत भी बड़ी है लेकिन जिस तरह से बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां इंडस्ट्रीज बंद है उससे नुकसान भी यूपीसीएल को झेलना पड़ रहा है