शाहदत को परीक्षा परिणाम से सलाम

Share your love


लोकजन टुडे, देहरादूनः किसी ने ठीक ही कहा है कि यदि आपके हौसले बुलंद हों तो फिर राह में कितनी भी बड़ी मुसीबत क्यों न आ जाए, आपको सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया पुलवामा हमले में शहीद हुए मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा ने। गंगा ने अपने पिता से वादा किया था कि वह उनकी इच्छा के अनुसार गायन में कॅरियर तलाशने के बजाय डॉक्टर बनेंगी। हालांकि परीक्षा से ठीक पहले उनके पिता की शहादत की खबर आ गई। हालांकि इसके बावजूद भी वह अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटीं।

यही कारण है कि 12 वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में उन्होंने शानदार अंक हासिल कर शहादत को सलाम किया है। हालांकि सीबीएसई ने उनकी परीक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए थे। 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में दून निवासी सीआरपीएफ की 110वीं वाहिनी में एएसआई मोहनलाल रतूड़ी शहीद हो गए थे। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रही बेटी गंगा के लिए यह खबर गहरा सदमा लेकर आई। एक ओर पिता के खोने का गम तो दूसरी ओर बोर्ड परीक्षाएं सिर पर। बावजूद इसके गंगा ने हौसला नहीं हारा। बोर्ड परीक्षाएं देने का फैसला लिया। सीबीएसई ने भी पुलवामा शहीदों के बच्चों के लिए विशेष इंतजाम किए थे। लिहाजा, बायोलॉजी, हिंदी और फिजिकल एजुकेशन की परीक्षाएं तो गंगा ने सभी छात्रों के साथ दी लेकिन फिजिक्स, केमिस्ट्री और इंगलिश की परीक्षा के लिए सीबीएसई ने बाद में इंतजाम कराया। दो मई को बोर्ड का परिणाम आया तो गंगा ने परीक्षा 68.8 प्रतिशत अंकों के साथ पास कर ली। गंगा ने कहा कि उन्हें गायन का बेहद शौक है लेकिन पापा ने कहा था कि बेटी तू डॉक्टर बनना। जब डॉक्टर बन जाएगी तो पहली दवा मैं ही लूंगा। पिता को दिए अपने वचन के तहत अब गंगा ने डॉक्टर बनने का फैसला लिया है। इसके लिए वह कोटा में कोचिंग की तैयारी कर रही हैं। आज पापा होते तो कितने खुश होते
रिजल्ट आने के बाद गंगा के चेहरे पर खुशी नहीं बल्कि पापा के न होने का गम नजर आ रहा है। सुबकते हुए बोली—अगर आज पापा होते तो कितना खुश होते। गंगा की मां सरिता की आंखों से आज भी अश्रुधारा बह रही है। मन में रंज है कि आज अगर उनके पति होते तो बच्चों की कामयाबी पर कितना खुश होते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *