देहरादून।।
बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ के सपने को साकार कर दिखाया है हरिद्वार जिले के औरंगाबाद की रहने वाली एक माँ ने जिन्होंने अपनी बेटी अनुराधा को उस बुलंदी तक पहुंचा दिया.. जिसका सायद उन्होंने सपना भी नही देखा होगा.माँ की कड़ी मेहनत और अनुराधा की पढ़ाई के प्रति लगन के सामने समाज के लोगों के कड़े विरोध के बाद भी अनुराधा की माँ ने अपनी बेटी की पढ़ाई को रुकने नही दिया…
कौन है अनुराधा पाल…
हम बात कर रहे है देहरादून की सिटी मजिस्ट्रेट अनुराधा पाल की जो 2016 बैच की IAS अधिकारी है और वर्तमान में दून में सिटी मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी संभाल रही है
कैसा रहा बचपन क्या रही चुनौतियां..
IAS अनुराधा पाल का बचपन आर्थिक तंगी के चलते बेहद चुनौतियों से भरा हुआ रहा.. जहाँ पुराने खयालातों से जुड़े सामाजिक लोग हर कदम पर अनुराधा की उच्च शिक्षा के लिए उनकी माता का विरोध करते रहे.. बावजूद अनुराधा की माँ मिथिलेश ने हार नही मानी और आर्थिक तंगी के होते हुए मजदूरी कर अपनी बेटी की पढ़ाई को जारी रखा.. अनुराधा पाल ने पांचवी तक कि पढ़ाई नजदीकी सरकारी स्कूल से की.. जिसके बाद 12 वी तक कि पढ़ाई नवोदय विद्यायल हरिद्वार से पूरी की..2004 में पंत नगर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में दाखिला लिया और 2008 में पासआउट किया..तभी उनका निजी कंपनी में कैंपस सिलेक्शन भी हो गया था.. उनकी उच्च शिक्षा स्कॉलरशिप और एजुकेशन लोन के सहारे पूरी हुई..वही अनुराधा कोचिंग के लिए दिल्ली चली गई..जहाँ उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे बच्चों को पढ़ाना शुरू किया.. ताकि अपनी पढ़ाई पर हो रहे खर्च को खुद उठा सकें.. उनकी पढ़ाई के प्रति कड़ी मेहनत और लगन रंग लाई जब उन्हें IRS कैडर मिला.. जिसके बाद उन्होंने फिर 2015 में UPSC की परीक्षा दी तो आईएएस में 62वी रैंक आई और आज IAS अनुराधा पाल देहरादून में सिटी मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी को संभाल रही हैं…
अनुराधा बताती है कि उनकी कामयाबी की वजह उनकी माँ ही हैं जिन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए तपती धूप में भी खेतों में मजदूरी तक कि ताकि बेटी की पढ़ाई बीच मे न रुक सके…
लोगों के लिए बनी प्रेरणा…
IAS अनुराधा पाल उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा है जो लोग आर्थिक तंगी के आगे घुटने टेक जाते है…
सलाम है उस माँ और बेटी को जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने हौसलों को टूटने नही दिया और मंजिल को हांसिल कर दिखाया