मामला बड़ा चौकाने वाला है आज के के युग में भला इतना भेदभाव कि किसी की जान कोई इस बात पर ले ले कि वह दलित था और उसने स्वर्ण लोगो के साथ बैठकर खाना खाया था इंसान भेदभाव करके इस कदर गिर सकता है शायद किसी ने सोचा नहीं था मामला है टिहरी गढवाल के नैनबाग क्षेत्र के कोट गांव का जंहा विगत 27 अप्रैल को शादी समाहरोह था जिसमे शामिल होने जितेंद्र दास दलित पंहुचा था उसे बेचारे का क्या पता था कि उसकी जाती ही उसके लिए अभिशाप बन जाएँगी। यहां खाना खाते समय सवर्ण जाति के लोगों के हाथों उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। वह अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला युवक था। दलित का जुर्म सिर्फ इतना था कि उसने स्वर्ण जाति के लोगो के साथ बैठकर खाना खाया और बदले में स्वर्ण जाति के लोगो ने उक्त युवक को इतना पिता कि आज दिन पश्च्यात उसकी जान चली गयी