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संवाददाता-मुकेश बछेती

पौड़ी| लॉक डाउन के चलते प्रवासी मजदूर पैदल अपने गांवों को लौट रहे हैं। मजदूरों को इस दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन मजदूरों की पीड़ा के अहसास के लिए युवा समाजसेवी नमन चंदोला बीते दो दिनों से नंगे पांव चल रहे हैं। नमन का कहना है कि सरकार गरीब तबके व मजदूरों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है। कोरोना महामारी से मजदूर तबका भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है।

नमन ने मजदूरों के लिए ठोस योजना न बनाए जाने पर आमरण अनशन की चेतावनी दी है।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए करीब पिछले दो माह से देश भर में लॉक डाउन है। लॉक डाउन के दौरान काम धंधे व व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद होने से मजदूरों के समक्ष आर्थिक संकट पैदा हो गया है। काम न होने के कारण मजूदर अपने गांवों को पैदल ही वापस लौट रहे हैं। समाज सेवी नमन चंदोला का कहना है कि केंद्र सरकार हो या किसी भी राज्य की सरकार, किसी ने भी इन मजदूरों के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई है। जिससे मजदूर तबका भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। पैदल चलते चलते मजदूरों के मरने की घटनाएं भी हो रही है। बावजूद सरकारें इनके प्रति ध्यान नहीं दे रही हैं। नमन ने कहा सरकारी की मजूदरों के प्रति इस लापरवाही के खिलाफ वह तीन दिन तक नंगे पांव चलेंगे। जिससे कि उन्हें इनकी पीड़ा का अहसास हो। नमन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही मजदूरों के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई तो वह घर में ही आमरण अनशन शुरू कर देंगे।

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