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दून विश्वविद्यालय में हुई वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने बुधवार को वित्तीय गड़बड़ियां किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। जिसके चलते हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, विवि प्रशासन और अन्य को नोटिस जारी कर एक दिसंबर तक अपना-अपना जवाब दाखिल करने के आदेश दिए  है। मामले में अगली सुनवाई एक दिसंबर को होगी।

आपको बता दें कि मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीड में देहरादून की समाज सेविका अनु पंत की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में अनु पंत ने कहा कि वर्ष 2014 से 2016 तक विवि में अनेक वित्तीय अनियमितताएं पाई गई थी।

विवि की ओर से की गई क्रय-विक्रय प्रक्रिया में किसी भी तरह की पारदर्शिता नहीं अपनाई गई। कुर्सी, मेज जरूरत से कहीं ज्यादा खरीदे गए। इससे संस्थान और राज्य सरकार को आर्थिक क्षति हुई। याचिकाकर्ता की ओर से अपने प्रत्यावेदन के माध्यम से राज्य सरकार के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया। सरकार ने 2017 में इसकी जांच की जिसमें अनियमितताओं की पुष्टि हुई।

इसके बाद भी संस्थान या राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।