जानिए कब दिखेगा करवा चौथ का चांद

मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में आज ज्यादातर जगह मौसम साफ रहेगा। इससे चंद्रमा के दर्शन करने में किसी तरह की समस्या नहीं आएगी।
देशभर में करवा चौथ का पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है। ये व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए खास होता है। वह अपने पति की लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।
इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर माता पार्वती व भगवान शिव की पूजा करती हैं। इस बार करवाचौथ के दिन बहुत ही अद्भुत और शुभ संयोग बन रहा है। करवा चौथ पर जहां एक तरफ चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृष में रहेंगे, जबकि शाम को चंद्रमा की पूजा के समय रोहिणी नक्षत्र होगा
इस नक्षत्र को ज्योतिष सुहागिन महिलाओं के लिए खास बता रहे हैं। इसी दिन सर्वसिद्धि योग भी बन रहा है, यह पूजा के लिए अत्यंत शुभ योग है। करवा चौथ पर चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। आप भी जान लें कि आपके शहर में चांद कब निकलेगा।
राजधानी देहरादून में चंद्रोदय का समय शाम 8 बजकर 02 मिनट है। इसी तरह हरिद्वार में शाम 8 बजकर 02 मिनट पर चांद के दर्शन होंगे। करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के चतुर्थी तिथि को रखा जाता है।
इस साल चतुर्थी तिथि 12 अक्टूबर को रात 01 बजकर 59 मिनट से आरंभ होगी, जो कि 14 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। गुरुवार की चतुर्थी तिथि को अति शुभ माना गया है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना गया
इस वर्ष करवा चौथ पर विशेष योग बन रहा
ल सोलह श्रृंगार सामग्री,भेंट मां गौरी को समर्पित करे। पूजा के उपरांत सामग्री को किसी सुहागन महिला को भेंट स्वरूप दे सकते हैं। पूर्ण चंद्रोदय होने पर तब चंद्र दर्शन कर छलनी से देखकर अर्घ्य दें। आरती उतारें ,पति के दर्शन करते हुए पूजा करें। पति के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करें। पति के हाथ से जलपान कर उपवास का पारण करें। पत्नी किसी भी कारणवश एक दूसरे से अलग हो गए हैं करवा चौथ के दिन चंद्र देव की पूजा करके सुहागन स्त्रियां अपने पति के साथ आजीवन रहने की कामना हेतु मां गौरी व चंद्र देव से प्रार्थना करती है।

करवा चौथ के दिन सुहागन स्त्रियां छलनी से पहले चंद्र दर्शन फिर अपने जीवनसाथी को निहारती है व चंद्रदेव से पतिदेव की लंबी उम्र की कामना करती हैं। जैसे छलनी से छलने के बाद किसी भी वस्तु की अशुद्धियां अलग हो जाती हैं। केवल शुद्ध वस्तु ही बचती है ठीक उसी प्रकार करवा चौथ पर महिलाएं अपने प्रेम की शुद्धता हेतु छलनी से चंद्र दर्शन करती है छलनी से चांद को देखकर पति की दीर्घायु और सौभाग्य में बढ़ोतरी की प्रार्थना करती है।