

संवाददाता-सुशील कुमार झा
लंढौरा। कस्बा लंढौरा के मोहल्ला हजरत बिलाल को पाबंद किए हुए ग्याराह दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक मोहल्ले में फल व सब्जी तथा दूध की सुविधा लोगों को नहीं मिल पाई है। पशु पालकों के सामने चारे का संकट खड़ा हो गया है। किसानों को खेतों में जाने की भी अनुमति नहीं मिल पाई है। लोगों का कहना है कि प्रशासन ने अभी तक सील किए गए मोहल्ले में आवश्यक वस्तुओं की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है जिसके चलते लोगों में रोष पनप रहा है।
जानकारी के अनुसार 25 मई को कस्बा लंढोरा के मोहल्ला हजरत बिलाल में एक व्यक्ति की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी जिसके बाद मोहल्ला हजरत बिलाल हो सील कर पुलिस का पहरा बैठा दिया गया था और लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी। मोहल्ले को पाबंद करने के साथ ही प्रशासन की ओर से आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई करने का भरोसा दिया गया था। मोहल्ला हजरत बिलाल को सील हुए 11 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से आवश्यक वस्तुओं की सुविधाएं मोहल्ले वासियों को उपलब्ध नहीं कराई गई है। मोहल्ले में अभी तक ना तो फल सब्जी व दूध पहुंच पाया है और न ही पशुओं के लिए चारा। जिसको लेकर मोहल्ले वासियों में रोष व्याप्त है। पूर्व चेयरमैन मोहम्मद मुर्तुजा, इकबाल, गुलफाम, मुस्तफा, शकील, इस्लाम आदि का कहना है कि 25 मई को मोहल्ला निवासी एक व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मोहल्ले को पाबंद करने के साथ ही आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी। उनका कहना है कि 11 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक मोहल्ले में फल व सब्जी तथा दूध की सप्लाई प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। जिसके चलते लोगों के सामने आवश्यक वस्तुओं का संकट खड़ा हो गया है। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा अभी तक चारे की भी व्यवस्था नहीं की गई है जिसके चलते पशुओं के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है। उनका कहना है कि बुआई का समय चल रहा है लेकिन किसानों को खेतों पर जाने के लिए अभी तक किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी गई है। एक तरह से मोहल्ले के लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। लोगों ने प्रशासन से खेतों पर जाने के लिए अनुमति देने व आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई शुरू करने की मांग की है।