जिलाधिकारी ने दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के लिए 10 लाख रुपये अवमुक्त किए

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रिपोर्ट: गुंजन मेहरा

नैनीताल: जिलाधिकारी सविन बंसल ने पहाड़ी विकास खण्डों के ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु डोली से सड़क अथवा चिकित्सालय तक लाने हेतु डोली व्यवस्था के लिए 10 लाख रूपये अवमुक्त किये।

सड़क से दूरस्थ गांव मे जिलाधिकारी द्वारा कैम्प लगाये जाते है ताकि दूरस्थ गांव के लोगो से उनका दोतरफा संवाद हो सके। साथ ही इन शिविरो के माध्यम से अति कुपोषित बच्चे भी चिन्हित हुये, जिन्हें डीएम बंसल ने ईलाज के लिए राजधानी देहरादून के अस्पतालो मे ईलाज हेतु भिजवाया। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रसव वेदना की उन ग्रामीण महिलाओ का दर्द भी सालता है जिन्हें अस्पताल मे प्रसव कराने के लिए गांव अथवा परिवार के लोग रातबिरात डोली मे लेकर सड़क हैड या अस्तपाल पहुचते है।

इस संघर्ष में कभी-कभी जच्चा तथा बच्चा को जान से भी हाथ धोना पड़ता है। इस समस्या एवं इस कार्य की संवेदनशीलता पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुये जिलाधिकारी बंसल ने जनपद के पर्वतीय इलाकों के विकास खण्डों धारी, रामगढ, ओखलकांडा, बेतालघाट व भीमताल के ग्रामीण क्षेत्रो में गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु अस्पतालों तक लाने के लिए डोली व्यवस्था हेतु 10 लाख की धनराशि स्वीकृत कर दी है।

बंसल द्वारा यह धनराशि मुख्य चिकित्साधिकारी को जारी की गई है। जारी धनराशि मे से तात्कालिक व्यवस्था हेतु 75-75 हजार रूपये एमओआईसी केे निर्वतन मे रखी गई है ताकि पर्वतीय क्षेत्रों कीे गभर्वती महिलाओं को डोली से लाने वाले लोगों को तुरन्त डोली व्यवस्था की धनराशि का भुगतान दो हजार रूपये प्रति डोली बिना किसी विलम्ब के हो जाए।

गौरतलब है कि एनएचएम के तहत जनपद में केवल 60 डोलियो की व्यवस्था के लिए ही धनराशि स्वीकृत है लेकिन प्रसव की संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुये जिलाधिकारी ने लगभग 500 डोलियों के लिए 10 लाख धनराशि अवमुक्त कर दी है। उन्होने कहा कि ताकि गर्भवती महिलाओ को त्वरित डोली व्यवस्था का भुगतान कराने की जिम्मेदारी सम्बन्धित चिकित्साधिकारी की होगी।