कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयक को लेकर रविवार यानी 20 सितंबर को राज्यसभा में जो हुआ, उसे लेकर दुख जताते हुए राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यह चिट्ठी ट्विटर पर शेयर की और सभी देशवासियों से इसे पढ़ने की अपील की है। राष्ट्रपति को लिखे खत में उप सभापति ने कहा कि 20 सितंबर को राज्यसभा में जो कुछ हुआ उससे बहुत दुखी हूं और पूरी रात सो नहीं पाया।
पीएम मोदी ने ट्वीट में पत्र साझा करते हुए लिखा- “माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें।” उप सभापति ने अपने पत्र में लिखा- “20 सितंबर को राज्यसभा में जो कुछ हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा, आत्मतनाव और मानसिक वेदना में हूं। मैं पूरी रात सो नहीं पाया।”
माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें। pic.twitter.com/K9uLy53xIB
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2020
उन्होंने पत्र में आगे कहा, “जेपी के गांव में पैदा हुआ, सिर्फ पैदा नहीं हुआ, उनके परिवार और हम गांव वालों के बीच पीढ़ियों का रिश्ता रहा, गांधी का बचपन से गहरा असर पड़ा। गांधी, जेपी, लोहिया और कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगों के सार्वजनिक जीवन ने मुझे हमेशा प्रेरित किया, जय प्रकाश आंदोलन और इन महान विभूतियों की परंपरा में जीवन में सार्वजनिक आचरण अपनाया। मेरे सामने 20 सितंबर को उच्च सदन में जो दृश्य हुआ, उससे सदन, आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति पहुंची है।”
उप सभापति ने लिखा, “सदन के सदस्यों द्वारा लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ, आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुई। उच्च सदन ही कर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गईं। सदन में माननीय सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ी, मेरे ऊपर फेंका। टेबल पर चढ़कर सदन के महत्वपूर्ण कागजात-दस्तावेजों को पलटने, फेंकने और फाड़ने की घटनाएं हुईं।”