मंत्री के कार्यक्रम में महिला वैज्ञानिक ने जमकर काटा बवाल फिर थाने ले गई पुलिस जानिए क्या है पूरा मामला

Share your love

उधम सिंह नगर

 

उत्तराखंड में उधम सिंह नगर के गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GBPUAT) में चल रहे कृषि मंत्री गणेश जोशी के कार्यक्रम में उस समय हड़कंप मच गया जब विद्यालय की एक कीट वैज्ञानिक (Entomologist) ने हाई प्रोफाइल हंगामा खड़ा कर दिया।

दरअसल जब मंत्री गणेश जोशी कार्यक्रम में शिरकत करने गांधी हॉल में पहुंचे तो इसी दौरान न्याय की मांग को लेकर कीट वैज्ञानिक डॉक्टर रुचिरा तिवारी कार्यक्रम स्थल पहुंच गई। हालांकि पुलिस फोर्स द्वारा वैज्ञानिक को रोकने का प्रयास किया गया लेकिन वह गांधी हॉल के पास जा पहुंची। जहां उन्होंने कार्यक्रम स्थल के बाहर जमकर हंगामा किया। वहीं, पुलिस के कहने पर भी जब कीट वैज्ञानिक शांत नहीं हुई तो पुलिस उन्हें पकड़कर थाने ले गई

जानें क्या है पूरा मामला ?

 

बता दें कि धामी सरकार के एक साल पूरा होने पर जिला प्रशासन द्वारा ‘एक साल नई मिसाल’ कार्यक्रम पंतनगर में आयोजित किया गया था। जिसमें कृषि मंत्री व प्रभारी मंत्री को आमंत्रित किया गया था। जैसे ही कृषि मंत्री गणेश जोशी कार्यक्रम में शिरकत करने गांधी हॉल में पहुंचे तो इसी वक्त कृषि विश्वविद्यालय की कीट वैज्ञानिक डॉक्टर रुचिरा तिवारी कार्यक्रम स्थल पहुंच गई। जहां उसने किसी पर न्याय की मांग को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया

इसी दौरान कार्यक्रम में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने का प्रयास किया लेकिन वह रूकी नहीं और गांधी हॉल के पास जा पहुंची। वहीं, हंगाम होता देख प्रशासन और पुलिस प्रशासन के हाथ पाव फूल गए। वैज्ञानिक को काफी समझाने का प्रयास किया गया लेकिन महिला कार्यक्रम स्थल पर डटी रही। लगभग आधे घंटे तक चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद वैज्ञानिक को पुलिस कार्यक्रम स्थल से उठा कर थाने ले गई।

रूचिरा तिवारी ने वैज्ञानिकों पर लगाया उत्पीड़न का आरोप
जानकारी के मुताबिक, किट वैज्ञानिक रुचिरा तिवारी ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। डॉ. रूचिरा तिवारी का आरोप है कि कीट विज्ञान विभाग की प्राध्यापक डॉ. पूनम श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में PHD कर रही छात्रा अंजलि नौटियाल अगस्त 2021 से अक्टूबर 2021 तक बिना अनुमति विश्वविद्यालय से गायब रही। जब उनके द्वारा पूछा गया तो उसे बताया गया की छात्रा अवकाश पर है। जबकि संबंधित विभाग द्वारा आरटीआई के जवाब में किसी भी प्रकार की अनुमति संबंधी अभिलेख उपलब्ध नहीं किया गया।

डॉ. रुचिरा का कहना है कि छात्रावास के सीसीटीवी फुटेज मांगने पर कैमरे वर्षों से खराब होने का तर्क दिया गया। डाॅ. पूनम ने छात्रा को संरक्षित करते हुए जेएनयू दिल्ली भेजे जाने की गलत सूचना दी है। जबकि छात्रा को जेएनयू भेजने के अभिलेख विश्वविद्यालय के पास नहीं है।

उन्होंने बताया की शिकायत करने पर केस डिसिप्लिन कमेटी में जाने के बजाय निदेशक प्रशासन कार्यालय भेजा गया, जहां जांच समिति बनाई गई। जांच समिति द्वारा पूरे मामले में लीपापोती कर छात्रा को दोषमुक्त करते हुए उनके आरोप को गलत साबित कर उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है।