रिपोर्ट: विकास राय
दिनेशपुर: गदरपुर में बाईपास मार्ग का निर्माण न होने से क्षेत्रीय विधायक और केबिनेट मंत्री की किरकिरी हो रही है। बाईपास न बनने से मुख्य बाजार में लोगो को जाम से रूबरू होना पड़ता है जिसके चलते स्थानिय लोग परेशान है।
ये बाईपास केबिनेट मंत्री के गृह क्षेत्र से केवल 9 किमी दूरी पर है। इस संबंध में मंत्री द्वारा कई बार एनएचएआई एवं कार्यादायी संस्था के अधिकारियों के साथ बैठक कर बाईपास के कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए गए। उसके बाद भी मामला सिफर जबकि इस बाईपास के निर्माण को हाई कोर्ट ने भी दिशा निर्देश जारी किये है। उसके बाद भी बाईपास में एक भी इंच काम नही हुआ है।
कांग्रेस सरकार के शासनकाल में भाजपा द्वारा केंद्र में कांग्रेस की सरकार होने का रोना रोकर बाईपास मार्ग के निर्माण पर काफी बयान बाजी की जाती थी , लेकिन आज जब प्रदेश एवं केंद्र में भाजपा की सरकार सत्ता में है, तो बाईपास मार्ग के निर्माण में हो रही देरी के लिये कौन जिम्मेदार है? इसका जवाब आज किसी के पास नही है। मंत्री और अधिकारी जांच के नाम पर टाल रहे है।
वही गदरपुर बाईपास मार्ग के निर्माण के लिए गदरपुर के व्यापार मंडल महामंत्री मनीष फुटेला ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरटीआई से सूचना मांगी थी। जिस पर एनएचएआई ने सूचना में दिए गए जवाब मिट्टी की कमी और भूमि अधिग्रहण से सम्बंधित अवरोध बताकर बाईपास निर्माण के कार्य में देरी होना बताया था। अब क्यो देर हो रही है, इस मामले में एनएचएआई और कार्यदायी संस्था एक दूसरे पर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं। और उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 29 अप्रैल 2019 को रूके हुए बाईपास मार्ग के निर्माण कार्य को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसके अनुपालन में न्यायालय द्वारा 15 मई 2019 को पारित आदेश में एनएचएआई को दिसम्बर 2019 या जनवरी 2020 तक निर्माण कार्य को पूर्ण कराने को कहा गया था, परन्तु निर्माण कार्य पूर्ण होना तो दूर वहां एक दिन भी कार्य नहीं हो सका। इस संबंध पर एनएचआई व कार्यदायी संस्था से फ़ोन पर बात की लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नही मिला हैं। लगता है गदरपुर बाईपास का मामला राम भरोसे हैं अब आम जनता को तेजतर्रार माने जाने वाले मंत्री जी पर भरोसा है की वो कोई निर्णय लेंगे।