रिपोर्ट: मुकेश बछेती
पौड़ी: अध्योया की तरह ही देवभूमि उत्तराखण्ड से भी भगवान श्रीराम का गहरा नाता रहा है। यहां पौड़ी-देवप्रयाग के समीप बना रघुनाथ राम मंदिर इस बात का प्रमाण है कि भगवान राम ने मां गंगा के उदगम स्थल देवप्रयाग पहुंचे थे। जहां उन्होने ब्रहमा हत्या दोष से निवारण चाहा और इसके लिये इस क्षेत्र में सालो तक घोर तप किया।
भगवान श्रीराम का मंदिर भव्य मंदिर भले ही अयोध्या में बनाने जा रहा है, लेकिन भगवान श्रीराम का देवभूमि उत्तराखण्ड से गहरा नाता रहा है। यहां श्रीराम भागीाथी और अलंकनंदा के संगम यानि गंगा के उदगम स्थल देवप्रयाग में भी बसते हैं, जहां उनका भव्य मंदिर भी है। दरअसल रामलला और रावण का बीच हुए युद्ध में जब राम ने रावण का वध किया तो उन पर ब्रहमा हत्या लग गयी, जिसके पाप से निवाराण पाने के लिये श्रीराम उस वक्त तप करने इस क्षेत्र में आये थे। जहां उन्होने सालो तक इस क्षेत्र में भी तपस्या की और तभी इस क्षेत्र को भगवान श्रीराम की तपस्थली भी कहा जाता है।
यहां भगवान श्रीराम का रघुनाथ मंदिर इस बात का प्रमाण देता है जिसे गुरू शंकराचार्य ने बनाया था। इस मंदिर के चर्चे दक्षिण भारत तक हैं। यही वजह है कि दक्षिण भारत के साधु शंत तक इस मंदिर में भगवान श्रीराम का जप करते हैं और उन्हे अपना परमात्मा मानते हैं। भगवान श्रीराम का अयोध्या में अब भव्य मंदिर बनने जा रहा है, ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों को इस मंदिर निर्माण पर खुशी छाई है। इस क्षेत्र से भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिये देवभूमि की पावन मिट्टी को तो भेजा ही गया है साथ ही यहां से गंगा जल को भी अयोध्या भेजा गया हैं। अयोध्या में मंदिर निर्माण से यहां के मंहत भी उत्साहित हैं और सावन के दौर में अयोध्या में होने जा रहे भूमिपूजन को काफी शुभ भी मानते हैं।
इस क्षेत्र के लोग अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर को लेकर खासे उत्साहित हैं। उनका कहना है कि जिस दिन यह शुभ कार्य होगा उस दिन में इस क्षेत्र में मिठाई बांटेंगे और प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुए इस कार्य की सराहना करने के लिये ताली भी बजायेंगे।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देवभूमि के लिये भी सौभाग्या भरा है। सवान माह में इस कार्य का होना भी काफी शुभ संकेत देता है। उत्तरप्रदेश की तरह की देवभूमि उत्तराखण्ड में भी अयोध्या में बनने जा रहे भव्य राम मंदिर इसके भूमिपूजन को लेकर काफी खुशी है।