रिपोर्ट: सुभाष राणा
नई टिहरी: अद्वितीय साहस, संघर्ष और आमजन के लिए कुर्बान होने वाले बेजोड़ क्षमता के धनी श्री देव सुमन ने टिहरी की क्रूर सामंत शाही के खिलाफ आंदोलन की ऐसी अलख जगाई थी कि जो निष्ठुर बन चुकी सामंती ताबूत पर अंतिम कील साबित हुई थी।
सामंती ताकतों के खिलाफ संघर्षों के पर्याय माने-जाने वाले तथा युवाओं के लिए प्रेरणा की शौर्य गाथा बन चुके बलिदानी श्री देव सुमन की 67 वीं पुण्यतिथि पर जिला अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जिला कारागार नई टिहरी पहुंच कर जेल में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रदांजलि अर्पित की। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने कारागार परिसर/ पार्क में वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए पौध रोपण किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि गत वर्षो में सुमन दिवस के अवसर पर आमजन के प्रतिभाग, प्रभात फेरी, दौड़ प्रतियोगिताएं एवं स्वच्छ्ता आदि कार्यक्रमों के आयोजन भी होते रहे हैं।
मगर वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते इस बार लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए यह दिवस बेहद सादगी के साथ मनाया जा रहा है। जिला अधिकारी ने कहा कि श्री देव सुमन ने उस दौर में जब आंदोलन शब्द से ही अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाया करते थे, और आंदोलन से लोग तोबा करते थे। ऐसे विकट समय और प्रतिकूल परिस्थितियों में टिहरी रियासत की जनता को राजशाही से मुक्ति दिलाने के लिए 84 दिन का ऐतिहासिक आमरण अनशन कर इतिहास में अमर हो गए।कहा हमें उनकी संघर्षशील शौर्य गाथा से प्रेरणा लेनी की जरूरत है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक रुहेला, अपर जिलाधिकारी शिवचरण दिवेदी, उप जिलाधिकारी एफआर चौहान, पुलिस उपाधीक्षक जेलर रामेश्वर सिंह राणा एवं वन विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी भी मौजूद थे।