मरीजों की जान से बड़ा खिलवाड़ उत्तराखंड की पांच कंपनियों की दवाएं जांच में फेल

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मुजफ्फरपुर:

आप किसी गंभीर बीमारी से स्वस्थ होकर जब घर पहुंच जाओ और आपको कुछ समय बाद पता चलेगी आपने उपचार के दौरान जिन दवाइयों को लिया था वह सैंपल में फेल हो गई हैं तो आपके पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाएगी जी हां उत्तराखंड की 5 दवाई कंपनियों के दवाई जिसका उपयोग सर्दी खांसी एंटी एलर्जी में किया जाता है उनके सैंपल लैब में फेल हो गए हैं बड़ी हैरान करने वाली बात यह है कि कोरोना के समय मरीजों को यही दवाइयां दी जा रही थी तो क्या अब ऐसे में जो मरीज स्वस्थ हुए हैं वह सब भगवान भरोसे स्वस्थ हुए यह एक बड़ा सवाल है।

सर्दी खांसी में इस्तेमाल होने वाली पांच एंटी एलर्जी की दवाएं किसी काम की नहीं पाई गई है औषधि नियंत्रण विभाग की जांच में इन दवाओं का पीएच मानक से काफी कम पाया गया है इन दवाओं के सैंपल शक के आधार पर जांच के लिए ग्वाहाटी के लैब में भेजा गया था जांच में पाया गया कि इन दवाओं का पीएच 4.5 की जगह 2 .6 ही है ड्रग इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि इन दवा कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है कम पीएच होने से दवाओं का असर शरीर पर नहीं होगा पांचों कंपनियां उत्तराखंड की है कोर्ट में इन कंपनियों के खिलाफ मुकदमा किया जाएगा औषधि नियंत्रण विभाग के पास दवाओं की जांच रिपोर्ट जनवरी महीने में आई इसके बाद से इन दवाओं पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू हो गई है मुजफ्फरपुर के अलावा बिहार के कई जिलों में इन एंटी एलर्जी दवाओं की जांच में पीएच कम पाया गया है जिन जिलों में दवा में खामियां पाई गई हैं उनमें रोहतास सासाराम समस्तीपुर सीतामढ़ी जैसे जिले शामिल है सभी जगह औषधि नियंत्रण विभाग इन दवा कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई करेगा राज्य औषधि नियंत्रण विभाग के निर्देश पर इन दवाओं के सैंपल लिए गए थे।