41 जिंदगी तो बचा ली लेकिन इस लापरवाही का जवाब कौन देगा आखिर ?

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देहरादून

 

41 जिंदगियां तो बचा ली लेकिन कई सवालों के जवाब अभी है बाकी  ?

उत्तरकाशी  में चार धाम ऑल वेदर रोड के अंतर्गत बन रही सुरंग में फंसे श्रमिकों के बाहर निकालने की कहानी सचमुच में एक फिल्म कथा से कम नहीं है इस रेस्क्यू कार्य में कई बार बड़े उतार चढ़ाव आए कई बार तो लगा हम कामयाब हो गए और कई बार शून्य पर पहुंच गए लेकिन उसके बावजूद भी रेस्क्यू कर रहे जवान और टनल के अंदर फंसे श्रमिकों का हौसला  बरकरार रहा 12 नवंबर को दिवाली के दिन सुरंग के भीतर अचानक मालवा आने के कारण 41 लोग अंदर फंस गए शुरुआती दौर में इस घटना को किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया सिर्फ सबसे पहले आपके प्रिय न्यूज़ पोर्टल लोक जन टुडे ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया,
हर कोई यही मान रहा था कि एक-दो दिन में सुरंग से मालवा साफ कर श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा बचाव दलों ने जैसे ही सुरंग से मलवा हटाने का काम शुरू किया तो और ज्यादा मालवा आने लगा इसके बाद रेस्क्यू टीम स्थिति की गंभीरता को समझ अंदर फंसे श्रमिकों की चिंता में लग गई,
इस प्रकरण में में कुछ लापरवाही और कुछ बातें श्रमिकों के हित में अच्छी रही जैसे कि अंदर पहले से ही पानी और लाइट की व्यवस्था थी प्रेशर तकनीकी से खाना अंदर पहुंचाना एक बड़ी लाइफ लाइन साबित हुआ 400 घंटे चले इस चुनौती पूर्ण बचाव अभियान में तकनीकी और आस्था की डोर से सुरंग में फंसे 41 जिंदगियों को बचा लिया गया लेकिन कई ऐसे सवाल अभी भी देने बाकी हैं ,
सबसे बड़ा सवाल सुरंग निर्माण से जुड़े सुरक्षा मानकों का है यह तब और भी अहम हो गया जब सुरंग निर्माण की डीपीआर से लेकर जिओ टेक्निकल आंकड़ों और उनके अनुपालन को लेकर हीला हवाली की बातें सामने आ रही है सबसे महत्वपूर्ण बात निर्माण अधीन सुरंग में श्रमिकों के फंसने की घटना के बाद से ही यह बात उठने लगी थी कि परियोजना में एस्केप टनल निकास सुरंग का प्रावधान क्यों नहीं था जबकि डीपीआर में इसका प्राविधान किया गया था लेकिन निर्माण नहीं किया गया दूसरी तरफ यह सवाल भी उठे कि जब सुरंग में तमाम वीक जोन थे तो उनके पुख्ता ट्रीटमेंट के साथ ही श्रमिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम समय पर क्यों नहीं उठाए गए अब देखना होगा यह तमाम सवाल जांच का विषय है जांच के बाद ही पता चल पाएगा आखिर क्यों इतनी बड़ी लापरवाही की गई है लेकिन इन तमाम सवालों के जवाब  जनता को देने  होंगे   ?…