सपाइयों ने की पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग..

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रिपोर्ट: सैयद मशकूर

सहारनपुर: नगर विधायक संजय गर्ग के नेतृत्व में सपाइयों ने डीजल और पैट्रोल की कीमतों में लगातार 17 दिन से हो रही बढ़ोतरी के विरोध मे तथा डीजल और पैट्रोल की कीमतों को जी.एस.टी. के दायरे में लाने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी  को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी सहारनपुर को सौपा।

ज्ञापन मे बताया गया कि विश्वस्तरीय लाॅकडाउन के कारण अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मूल्य मे आयी भारी गिरावट के बाद भी भारत मे पिछले 17 दिनों से प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल के दामों में की जाने वाली बढ़ोतरी बेहद सोचनीय हैं। पिछले 17 दिनो में ही डीजल के दामों में 9.45 रूपया तथा पेट्रोल के दामों मेें 8.30 रूपया की अभूतपूर्व वृद्धि की जा चुकी है।

वर्तमान में विकसित और विकासशील राष्ट्रों में भारतवर्ष में ही डीजल और पेट्रोल की कीमतें सबसे ऊँचे स्तर पर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में आई भारी कमी का लाभ सरकार द्वारा ना उठाते हुये कोरोना संकट से जूझ रही अर्थव्यस्था और आम भारतीय को दिया जाना चाहिये।

भारत में डीजल लगभग 18 रूपये प्रति लीटर और पेट्रोल लगभग 17 रूपये प्रति लीटर रहती है, जिसपर एक्साइज ड्यूटी-सेस आदि मिला कर और 69 प्रतिशत टैक्स के साथ आज विश्व मे सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल भारत में है।

नेपाल और भूटान जैसे देशों को जिनको पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति भारत द्वारा की जाती है, उन देशों में भी डीजल और पेट्रोल की कीमत भारत के मुकाबले आधे से भी कम है। कोरोना लाॅकडाउन के इस संकट काल में वर्तमान में लाखो फैक्ट्रियों मे ताले जड गये है, लोगों के रोजगार छिन गये है। बेरोजगारी चरमसीमा पर है। मध्यम शहरी वर्ग भी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है।

डीजल की कीमतों मे लगातार हो रही बढोतरी के कारण किसान का कृषि लागत मूल्य बहुत बढ गया है। परिवहन शुल्क में बढ़ोतरी के कारण महंगाई बढ़ रही है। ऐसे में केन्द्र और प्रदेष की सरकारों को पेट्रोलियम पदार्थों के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में आयी कमी का लाभ अपने खजाने भरने के स्थान पर आम आदमी को सहूलियत देने का करना चाहिये थे, परन्तु सरकारें इसके बिल्कुल उलट आम जनता की हर तरह से जेबे काटने मे लगी हुई है।

केन्द्र और प्रदेश की सरकारें सिर्फ कीमते बढ़ाने का ध्यान रख रही हैं, उनको जनता की तकलीफो से कोई वास्ता नही है।आमजन को राहत देने के उद्देश्य से मैं केन्द्र सरकार से मांग करता हॅू कि जनहित में डीजल और पेट्रोल की बिक्री को भी जी.एस.टी. के दायरे में लाया जाये जिससे देशभर में इनकी एक निश्चित कीमत तय हो जायेगी।

परिवहन शुल्क में कटौती होने के कारण महंगाई पर भी काफी हद तक नियंत्रण हो पायेगा।  महानगर अध्यक्ष मौहम्मद आज़म शाह, विधानसभा अध्यक्ष परिक्षित वर्मा, कोषाध्यक्ष मुस्तकीम राणा पार्षद, अब्दुल हफीज इण्डिया, पार्षद हाजी गुलशेर, हाजी नूर आलम, मौ. शाहवेज, इमरान सैफी, हाजी शाहनवाज, अभिषेक (टिंकू अरोड़ा),विपिन जैन, आदि मौजूद रहे।

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