कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ के तीसरे चरण (पीएमकेवीवाई 3.0) की हुई शुरुआत
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15 से 45 वर्ष के युवाओं की स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग होगी, सभी अभ्यर्थियों को कौशल भारत मिशन के तहत NCVET से प्रमाणन भी मिलेगा
948.90 करोड़ के बजट के साथ, वित्त वर्ष 2020-2021 में 8 लाख से अधिक उम्मीदवारों को लाभान्वित किया जाएगा
देहरादून: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने स्किल इंडिया मिशन की ‘फ्लैगशिप योजना’ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तीसरे चरण (पीएमकेवीवाई 3.0) का शुभारंभ कर दिया है।
पीएमकेवीवाई 3.0 में जिला कौशल समीतियों को जोड़कर एक नई पहल की शुरूआत की गई है। इस योजना के तीसरे चरण का उद्देश्य जिला कौशल समीतियों को मजबूत एवं सशक्त बनाना और साथ ही माँग आधारित कौशल विकास पहलों को बढ़ावा भी देना है। पीएमकेवीवाई 3.0 “वन नेशन, वन स्कीम” की दृष्टि से एक अग्रणी योजना है। इस योजना के अन्तर्गत 37 सेक्टर्स में 300 से अधिक पाठ्यक्रमों का एक प्रस्तावित पूल बनाया गया है।
पीएमकेवीवाई 3.0 योजना की शुरुआत माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी की गरिमामयी उपस्थिति में हुई। इस कार्यक्रम में माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री आर.के. सिंह, उत्तर प्रदेश के कौशल राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, हरियाणा के कौशल राज्य मंत्री मूल चंद्र शर्मा, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अध्यक्ष और L&T के ग्रुप चेयरमैन ए.एम.नाईक, एनएसडीसी के मैनेजिंग डाइरेक्टर एवं सीईओ मनीष कुमार, मंत्रालय के सचिव प्रवीण कुमार और अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा “युवाओं को अगर सही मार्गदर्शन मिले, प्रशिक्षण मिले तो युवा अपने-अपने क्षेत्रों में महारथ हासिल करने में कामयब होंगे। यदि हमारे युवा कुशल बनकर बाहर काम करेंगे, उद्योग लगाएंगे तो देश की ग्रोथ बढ़ेगी, भारत के उद्योगों को एक नई ऊंचाई मिलेगी। यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का परिणाम है कि आज स्किल इंडिया मिशन द्वारा हम तेजी से भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को नए-नए कौशल अपनाने और प्रासंगिक बने रहने का मंत्र दिया है जोकि बदलते व्यापार की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। इसके साथ उन्होंने स्किलिंग, रिस्किलिंग और अपस्किलिंग” पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का भी मंत्र दिया है।“
डॉ. पाण्डेय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए ये भी कहा कि जिस प्रकार से पीएमकेवीवाई 3.0 के लिए पर्याप्त रूप से धनराशि उपलब्ध कराकर योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है, उसके लिए प्रधानमंत्री जी का हार्दिक अभिनंदन है।
लॉन्च कार्यक्रम में कौशल राज्य मंत्री आर. के. सिंह जी ने कहा कि हमारे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने में स्किलिंग की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने राज्य सरकारों से निवेदन भी किया कि उद्योगों की मांग के आधार पर युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाए ताकि स्किल गैप को कम से कम किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि पीएमकेवीवाई 3.0 योजना का लक्ष्य वित्त-वर्ष 2020-2021 में 8 लाख से अधिक उम्मीदवारों को लाभान्वित करना है। योजना के अंतर्गत मौजूदा कार्यबल की उत्पादकता को बढ़ाने और युवाओं की स्किलिंग, अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रत्येक प्रमाणित अभ्यर्थी को 2 लाख रुपये का 3 वर्षीय आकस्मिक बीमा (कौशल बीमा) भी दिया जाएगा। इस योजना में सभी अभ्यर्थियों को कौशल भारत मिशन के तहत NCVET से प्रमाणन भी मिलेगा। युवाओं को इन्डस्ट्री 4.0 के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने और जिला स्तर पर सशक्त बनाने में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी।
पीएमकेवीवाई 3.0 में जिला कौशल समीतियों को जोड़कर एक नई पहल की शुरूआत की है जिससे कौशल समीतियों को मजबूत एवं सशक्त बनाना है साथ ही माँग आधारित कौशल विकास पहलों को बढ़ावा भी देना है। इस योजना को लॉन्च करने से पहले हमने स्टेकहोल्डर्स के साथ 3 लेवल पर बातचीत की है ताकि योजना को उद्योगों के अनुसार अधिक फ्रेंडली बनाया जा सके। जिला कौशल समीतियां, राज्य कौशल विकास मिशनों (SSDM) के नेतृत्व में स्किल गैप को कम करने और जिला स्तर पर मांग के आधार पर जॉब्स रोल्स को पहचानने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएंगी।
राज्य कौशल विकास मिशनों (एसएसडीएम) से परामर्श कर आईटीआई में अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे ताकि उम्मीदवारों को गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके। हम आईटीआई सिस्टम को बहुत मजबूती के साथ पीएमकेवीवाई 3.0 में शामिल कर रहे हैं। इसके साथ हम दीर्घकालिक (लॉन्ग टर्म) और लघु अवधि (शॉर्ट टर्म) आधारित प्रशिक्षण पर भी तेजी से काम कर रहे हैं।
“पीएमकेवीवाई 3.0 को सिर्फ शहरों तक ही सीमित नहीं रखना है। इस योजना का विस्तार ग्रामीण स्तर से लेकर सेमी अर्बन तक किया जाएगा ताकि ग्रामीण स्तर पर उम्मीदवारों को कुशल बनाया जा सके….उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा सके। पीएमकेवीवाई 3.0 में सांसद (एमपी) की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सांसदों के ऊपर मॉनिटरिंग और मेंटरिंग का उत्तरदायित्व है। एक सांसद की जिम्मेदारी पूरे जिले के विकास प्रणाली को बेहतर बनाने की होती है। अब संसदीय क्षेत्र के विकास के साथ-साथ युवाओं के कौशल विकास की भी एक नई जिम्मेदारी मिली है।“ पाण्डेय ने कहा…
पीएमकेवीवाई 3.0 का पाठ्यक्रम मार्केट फ्रेंडली, उद्योगों और नए युग के जॉब रोल्स के अनुसार हैं। हमने असीम प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है ताकि उम्मीदवारों को बेहतर रोजगार के अवसर मिल सके और नियोक्ताओं को एक ही स्थान पर कुशल कार्यबल मिल सके। इस योजना में राज्यों की भी एक प्रमुख भूमिका होगी। राज्यों को सिर्फ पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क प्रदान किया जाएगा। राज्य अपने स्तर से जॉब रोल्स तय सकते है। यह अधिकार हमने राज्यों को दिए हैं। इसके साथ राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए हमने एक फंडिंग मॉडल लागू किया है ताकि राज्य अपने स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सके। जो राज्य अच्छा प्रदर्शन करेगा उस राज्य को फंडिंग भी उसी तर्ज पर प्रदान की जाएगी।
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