
रिपोर्ट: कुलदीप रावत
देहरादून: 18 फरवरी 2019 यह दिन आपको याद होगा। कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में सेना के जवान मेजर विभूति धौंडियाल का पार्थिव शरीर जब उनके निवास स्थान देहरादून में पहुंचा तो उनके पार्थिव शरीर को देख सेल्यूट करती उनकी धर्मपत्नी निकिता धौंडियाल याद होगी।इस वीरांगना की दहाड़ देख उस दिन पूरा देश सहम गया था।
इस वीरांगना का अंदाज हर एक भारतीय के खून में जोश पैदा कर गया था। वह आखिरी शब्द आज भी याद है जब इस वीरांगना के द्वारा जब शहीद मेजर विभूति को “लव यू विभु” कहा गया था। पूरे देश ने वह ऐतिहासिक पल देखा था, हर कोई आश्चर्यचकित हो गया ।इस वीरांगना की दहाड़ सुन आज उसी वीर शहीद मेजर विभूति की पुण्यतिथि है।
पुलवामा हमले के बाद आतंकियों पर कार्रवाई के दौरान शहीद हुए देहरादून के विभूति धौंडियाल की आज पुण्यतिथि है। ऐसे में उत्तराखंड के साथ साथ पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। परिवार के लिए यह एक साल कैसा बीता? इस बात को शब्दों में बयां करना शायद ही संभव हो पाए, लेकिन ठीक विभूति के शहीद होने के एक साल बाद घर में एक बार फिर से खुशी जरूर आई है और वह खुशी है उनकी पत्नी, नितिका के सेना में भर्ती होने की।
दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली नितिका का सब कुछ एकदम से खत्म हो गया था। विभूति की शहादत के बाद बूढ़ी मां के साथ अकेली रह रही, नितिका ने मन बनाया कि वह भी अपने पति विभूति के नक्शे कदम पर चलते हुए सेना के लिए तैयारी करेंगे। बातचीत करते हुए नितिका ने बताया कि यह इतना आसान नहीं था, लिहाजा इसके लिए ना केवल दोनों परिवारों की इजाजत बेहद मायने रखती थी। इसके साथ ही सेना का सहयोग भी बेहद मायने रखता था और ऐसे में सभी ने उनको मोटिवेट किया और सबसे ज्यादा अगर किसी ने मोटिवेट किया तो वह थे विभूति धौंडियाल नितिका कहती हैं कि वे भले ही शारीरिक रूप से आज उनके साथ न हों लेकिन उन्हें मानसिक रूप से आज भी उनका साथ हमेशा मिलता है।
नितिका ने कहा कि फिलहाल वो सेना की तरफ से आने वाले कॉल लेटर का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने अपनी तरफ से हर परीक्षा को पूरी तत्परता और परिश्रम के साथ दिया है। लिहाजा अब उन्हें इंतजार है कि सेना की तरफ से जब ग्रीन सिग्नल मिलेगा तो एक बार फिर से अपने पति की तरह ही वह सेना की वर्दी में दिखाई देंगी। नितिका कहती हैं कि वह बिल्कुल कॉन्फिडेंट हैं कि सेना में भर्ती होने से उनके आगे कोई भी किसी तरह की दिक्कत आएगी ।
नितिका कहती हैं कि 1 साल कैसे बीता है यह हम जानते हैं क्योंकि किसी की यादों को बुलाना तो आसान नहीं होता। आज भी जब पूरा परिवार एक साथ बैठता है तो उनकी शरारती उनकी बातें और उनकी आदतें हमको कभी कबार ना केवल हंसाती है बल्कि रुलाती भी है ।
शहीद विभूति धौंडियाल की मां कहती है कि बहू के सेना में जाने से ठीक वैसा ही उनको लग रहा है जैसा विभूति के सेना में भर्ती होने से लगा था कि भले ही आज दुनिया में नहीं है लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी बहू ही विभूति के रूप में उनके घर में एक बार फिर से सेना की ड्रेस में आने वाली है। उन्हें इस बात को सोचकर ही बेहद खुशी हो रही है।
18 अप्रैल 2018 को पुलवामा हमले के मुख्य आरोपी गाजी रशीद को मार गिराया गया था 100 घंटे चले इस ऑपरेशन में भारतीय सेना के मेजर विभूति ढोंडियाल की शहादत हुई थी देहरादून के रहने वाले मेजर विभूति ढोंडियाल इस ऑपरेशन को लीड कर रहे थे और ऑपरेशन में उनके साथ 4 जवान भी शहीद हुए। आज मेजर विभूति की शहादत को 1 साल पूरा हो गया है उनकी पत्नी नितिका आज भी उन्हें जब याद करती है तो उनकी आंखें नम हो जाती हैं हालांकि वह कहती हैं कि उन्हें लगता है कि वह आज भी उनके साथ हैं और वह उनको कभी भूलना नहीं चाहती हैं। उनके पति का बलिदान देश के बच्चे बच्चे को याद है। नितिका SSC दे चुके हैं और मेरिट का इंतजार कर रही हैं उन्हें विश्वास है कि जल्द ही वह भी भारतीय सेना में अफसर बनेगी हालांकि वह मानती हैं कि वह अपनी पति की जगह कभी नहीं ले पाएंगे क्योंकि वह बहुत खास थे और इसीलिए उन्होंने अपने अमूल्य बलिदान देकर देश की रक्षा की है।