उत्तरकाशी: वर्तमान में हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं। जिस प्रकार उन्नीसवीं सदी को ब्रिटेन का समय कहा जाता हैं, बीसवीं सदी को अमेरिकन सदी कहते हैं, उसी प्रकार इक्कीसवीं सदी भारत की हैं। भारत समय के साथ उनत्ति करता जा रहा है, लेकिन कुछ जगह ऐसी भी है जहां शायद मंत्रियों की नज़र ही नहीं जा रही या फिर ये कहे शायद वो देख कर भी नजरअंदाज कर रहे हैं।
उत्तराखंड को देवो की भूमि कहा जाता है, यहा दूर-दूर से लोग मंदिरों के दर्शन करने या सैरसपाटा करने आते हैं।लेकिन पहाड़ो में बासे लोगों के लिए यहाँ सुविधओं के नाम पर घोड़े खच्चर है। जी हां आज भी अगर पहाड़ो में कोई अचानक बीमार पड़ जाए तो इसका मतलब ये होता है कि हॉस्पिटल टाइम से पहुँच गए इंसान की जान बच गई वरना बचना ना के बराबर होता है।
वही उत्तरकाशी के पुरोला विधानसभा के ओसला, तालुका की दास्तान में 21 वीं सदी में भी बीमार को घोड़े -खच्चर में लादने को मजबूर हो रहे हैं उनके परिवार वाले।