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यूं ही डॉक्टर को भगवान का दर्जा नहीं मिला है ईश्वर के बाद यदि कोई आपकी जान की रक्षा करता है वह है डॉक्टर।

हुआ कुछ ऐसा

दून अस्पताल में हड्डी रोग विभाग के ऑर्थो सर्जन डॉक्टर शशांक ने एक बड़ी मिसाल पेश की है आज सोशल मीडिया में हर कोई डॉक्टर शशांक की तारीफ कर नहीं थक रहा आखिर तारीफ भी क्यों ना हो डॉक्टर साहब ने एक बड़ी मिसाल जो पेश की है स्वयं स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने डॉ शशांक के इस कार्य की जमकर सराहना की है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि आज समाज को ऐसे चिकित्सकों की बहुत आवश्यकता है जो तन मन और लगन से मरीज के दुख दर्द को अपना समझ कर उपचार करें

 

 

आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला अस्थाई राजधानी देहरादून के दून अस्पताल में हड्डी रोग विभाग में ऑर्थो सर्जन डॉक्टर शशांक ने एक मरीज को पहले अपना रक्तदान किया फिर स्वयं ही मरीज का ऑपरेशन।

अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी महेंद्र भंडारी हमसे बात करते हुए बताया कि दून निवासी एक मरीज अवधेश को गहरे गड्ढे में गिर जाने से गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया। जिसको छाती, बाए हाथ, जांघ की हड्डी में फ्रैक्चर पाया गया। मरीज को तीन दिन आईसीयू में रखने के बाद उनकी स्थिति ठीक हो पाई ।

उसके बाद डॉक्टरों द्वारा मरीज के जांघ की हड्डी का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया। लेकिन खून की कमी होने पर मरीज का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था उनकी बेटी ने खून देने की कोशिश की परंतु उनको कुछ समस्या होने पर खून नहीं दे पाई। कोई परिचित या रिश्तेदार भी खून नहीं दे सका। यह बात उनके इलाज करने वाले डॉक्टर शशांक सिंह को जैसे ही पता चली तो उन्होंने खुद मरीज को खून देने का फैसला किया।

बुधवार को डॉक्टर शशांक सिंह ने मरीज को अपना खून दिया तथा उसके बाद खुद मरीज का जांग की हड्डी का ऑपरेशन किया।

सच कहा है किसी ने भगवान किस रूप में कब आपकी मदद करने को प्रकट हो जाए कोई नहीं जानता ऐसा ही कुछ अवधेश के साथ भी हुआ।