रिपोर्ट: ध्रुव रौतेला
नैनीताल: जहाँ चाह वहाँ राह अंग्रेजी में एक पुरानी कहावत है जिसका अर्थ है कि यदि हमारे पास दृढ़ संकल्प नहीं है और हम अपना लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं, तो हम कड़ी मेहनत नहीं कर सकते हैं और इस प्रकार जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं। सफलता पाने की हमारी दृढ़ इच्छा शक्ति सफलता पाने का एक रास्ता बनाती है। हमारी सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए सुनिश्चित लेकिन आसान रास्ता है।
कुछ ऐसा ही कर दिखाया राजीव ने। नैनीताल रोड पर तिकोनिया के पास श्री राम अस्पताल के बाहर नंदू चाय की दुकान का ठेला लगता है। मूल रूप से हैडाखान निवासी नंदन सिंह के पास पास 10 वर्ष पूर्व किसी के माध्यम से बरेली से एक छोटा बच्चा आया नाम राजीव मौर्या। कुछ समय अपने साथ रख घर में ही नंदू ने अपने बच्चों के साथ इसको पढ़ाया और फिर कक्षा तीन में स्कूल डाल दिया।
राजीव दिन में चाय की दुकान में हाथ बटाँता और शाम को मन लगाकर पढ़ता रहता उसकी 9 साल की लगन और कोशिश का नतीजा है कि हाई स्कूल के उत्तराखंड बोर्ड का परिणाम आया तो चाय की दुकान पर काम करने वाला यह युवक माँ-पिता परिवार से दूर अपने दम पर 88.8% नंबर लाया। राजीव को थोड़ा मलाल है कि अंग्रेजी में कुछ अंक कम आये वरना वह 90% से ऊपर बढ़ जाता।
राजीव का सपना इंडियन नेवी में अफसर बनने का है और लगन से वह इस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है। नंदू को वह चाचा बुलाता है और अपनी सफलता का श्रेय भी अपने शिक्षकों के साथ पूरा इन्हीं को देता है ।