थलीसैंण: बीती सोमवार की रात को सुवरों ने केले, आलू और मिर्ची के बगीचे को खत्म कर दिया। गांव के लोग कही बार सुवरों को भगाने जाती है लेकिन सुवर उल्टा हमला करने को आता है। वही शाम को 6 बजे सुवर गांव के आस पास घूमने लग जाते हैं। हर गांव वाले इन सुवरों से परेशान हो गए हैं। 2,3 बार गांव वाले उनको भगाने भी गए लेकिन सुवर उल्टा हमला करने में आ गए।
अब ग्रामीण लोग भी क्या करे। बहुत मेहनत करते हैं और लास्ट में सुवर सब खत्म करके चला जाता है।
वही ग्रामीणों का कहना है कि हम रात भर उनको भगाते हैं लेकिन फिर भी सुवर खेतो में आतंक फला जाते हैं। समाजिक कार्यकर्ता बलबीर जैन्तवाल ने कहा पूरे देश में कोरोना के कहर की रोकथाम के कारण किये गये लाकॅडाउन की वजह से कई लोगों की नौकरी चली गयी। जिस वजह से लोग ने हजारों की संख्या में अपने गाँव की ओर रुख किया है,जहां लोगों ने खेतों का स्वरोजगर को अपनाया हैं। वहीं जंगली जानवरों जैसी अनेक समस्या उनके इस साहस को तोडने का कार्य कर रहीं हैं। जंगली जानवरों का विषय चौथान के लिए चिंता का विषय बन गया है।