बीकेटीसी सीईओ बीडी सिंह की विदाई के साथ मंदिर समिति की जांच भी हुई शुरू बढ़ सकती है अब मुश्किलें

Share your love

देहरादून

आखिरकार बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में भारी अनियमितता मामले में जांच शुरू हो गई है जांच कमेटी के द्वारा पत्रावली तलब की जा रही है

वर्ष 2012 से 2017 के बीच श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में व्यापक स्तर पर निर्माण कार्यों में हुई वित्तीय अनियमितता,कर्मचारियों की नियुक्तियों व प्रमोशन में हुई बड़े स्तर पर नियमों को ताक पर रखकर गड़बड़ झाले की जांच बीकेटीसी के सीईओ बीडी सिंह की विदाई के साथ ही शुरू हो गई है। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य द्वारा प्रदेश के धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज व चमोली जिले के प्रभारी मंत्री  को ज्ञापन सौंपकर बीते रोज कांग्रेस शासनकाल के दौरान मंदिर समिति में व्यापक स्तर पर हुए वित्तीय अनियमितता व गड़बड़ झाले की जांच की मांग की थी।

 

समिति के सदस्य के पत्र की गंभीरता को लेते हुए विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन को जांच के निर्देश जारी किए थे। मुख्य सचिव व सचिव धर्मस्व ने जांच कमिश्नर गढ़वाल को सौंपी थी। जांच के क्रम में एक हाई पावर कमेटी अपर गढ़वाल आयुक्त की अध्यक्षता में गठित की गई है। जिसमें अपर जिलाधिकारी चमोली और रुद्रप्रयाग के साथ ही चमोली के मुख्य कोषाधिकारी को बतौर सदस्य नामित किया गया है जांच कमेटी की  पहली बैठक चमोली जिले के जिला मुख्यालय गोपेश्वर जिलाधिकारी कार्यालय में आहूत हुई। इस बैठक में अपर जिलाधिकारी चमोली द्वारा मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी को जांच मैं संबंधित अधिकारियों को पत्रावली के साथ उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में मंदिर समिति की ओर से चर्चित विवादों के घेरे में आए अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी को जांच कमेटी ने तलब किया है।

जिन बिंदुओं को जांच में शामिल किया गया है उनमें 2012 से 2017 के बीच वर्ष 2014 में बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर अधिनियम में वर्णित 45 मंदिरों से बाहर जाकर पौड़ी के दूरस्थ इलाके में बिनसर मंदिर पर बिना निविदा के करोड़ों के निर्माण पोखरी शिवालय में बिना निविदा के निर्माण कार्य प्रताप नगर में सड़क निर्माण कार्य के अलावा मात्र 2 साल के भीतर चर्चित अभियंता अनिल ध्यानी को जेई से ईई बनाए जाने के अलावा नियुक्तियों, प्रमोशन व प्रसाद के नाम पर बद्रीनाथ और केदारनाथ में चौलाई के लड्डू से मची लूटपाट का मामला शामिल है। बद्रीनाथ और केदारनाथ में तीर्थ यात्रियों व श्रद्धालुओं की आस्था व विश्वास के साथ किस प्रकार का खिलवाड़ 2015 से लड्डू के नाम पर चला आ रहा है बाजार में जो चौलाई के लड्डू महज ₹20 में मिल जाते हैं उसको मंदिर परिसर में प्रसाद के नाम पर ₹120 में दिया जा रहा है रहस्य पूर्ण बात तो यह है कि ₹120 में से मात्र ₹20 ही मंदिर समिति के खजाने में जाता है जबकि ₹100 वेंडर को। मंदिर समिति में लड्डू प्रसाद के लिए जिस व्यक्ति को नोडल अधिकारी बनाया गया है वह कोई और नहीं बल्कि निर्माण का अभियंता अनिल ध्यानी है जो मंदिर समिति के तत्कालीन अध्यक्ष गणेश गोदियाल के जमाने 2015 से अभी तक बदस्तूर जारी है। लड्डू के मामले में बड़े पैमाने पर वेंडर द्वारा जीएसटी की भी चोरी की गई है इस बीच सीजीएसटी ने भी मंदिर समिति को जीएसटी का विवरण देने के लिए नोटिस भेजा है बीते 10 अगस्त को सीजीएसटी द्वारा भेजे गए नोटिस के जवाब न देने पर मंदिर समिति को दोबारा सीजीएसटी द्वारा भेजे गए नोटिस में कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

बड़ा सवाल यह है कि मंदिर समिति का लड्डू प्रकरण अब सीजीएसटी के रडार पर भी आ गया है सीजीएसटी के द्वारा कड़क लहजे में नोटिस का जवाब देने को कहा गया है ।