देवकमल में मिला गलतियों का अंबार, 4 दिन बाद कार्यकर्ताओ को चला पता

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देहरादून: भाजपा की मुखपत्र कही जाने वाली पत्रिका देवकमल के विशेषांक का विमोचन प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर भगत ने 3 जुलाई को किया था। इस मौके पर पार्टी के कई नेता कार्यालय पर मौजूद रहे, लेकिन पत्रिका के विशेषांक का विमोचन कर इसमे उपलब्ध केन्द्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों के वारे में पत्रकारों को जानकारी भी दे दी गयी लेकिन विमोचन करने वाले पार्टी नेताओं ने खुद इसको पढ़ने की जहमत नही उठाई।

वंही 4 दिन के बाद कार्यकर्ताओ ने जब इसका अध्ययन किया तो पता चला इस पुस्तिका में गलतियों का अम्बार भरा है। उसके बाद अब पार्टी नेताओं की किरकिरी होने लगी तो पार्टी नेता इसे तकनीकी दिक्कत बता कर अपना पल्ला झाड़ रहे है। वंही पार्टी के पूर्व प्रदेश महामंत्री व सरकार में बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष नरेश बंसल का कहना है पत्रिका में कुछ भूल वस गलतियां हो गयी है जिसके बाद अब उसके वितरण पर रोक लगा दी गयी है। इसमे सुधार करने के बाद ही वितरण किया जाएगा ।

आपको बता दे इस पुस्तिका में कई बड़ी खामियां सामने आई है। जिसमे 2014 की जगह 2044 है,कोविड 19 कि जगह 49 है,तो जम्मू एन्ड काश्मीर के पुनर्गठन बिल को 2079 में मंजूरी देने का जिक्र है। वंही जे एन्ड के व लद्दाख को 34 अक्टूबर को अस्तित्व में आने का जिक्र किया गया है।

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