
रिपोर्ट: सैयद मशकूर
सहारनपुर: योग को लोकप्रियता की बुलंदी तक पहुंचाने और इसको वैश्विक प्रतिष्ठा दिलाकर चार चांद लगाने में सहारनपुर के योगदान का रिकॉर्ड जारी है। योग प्रेमियों की जानकारी में योग यात्रा में सहारनपुर के योगदान का यह इतिहास आज उन्हें गुदगुदा सकता है।
योग साधना के क्षेत्र में पहला पद्मश्री सम्मान पाने वाले योग गुरु स्वामी भारत भूषण का कहना है कि योग साधना को बुलंदी तक लोकप्रिय बनाने का कार्य सहारनपुर से ही हो सकता था क्योंकि सहारनपुर योगियों व तपस्वियों का नगर होने से ही शिवारण्यपुर रहा और योगीराज भगवान शिव की ससुराल कनखल (तत्कालीन सहारनपुर का हिस्सा) होने से उनके सीधे प्रभाव क्षेत्र में रहा। यहां तक कि पांव थोड़ी नदी से दूसरी तरफ योगियों की साधना का वन्य क्षेत्र रहा। उसमें जाने के लिए प्रयुक्त होने वाला पुल आज भी पुल जोगियान कहलाता है।
उन्होंने बताया उनका जन्म इस जोगियान क्षेत्र में ही हुआ था, शायद यह सहारनपुर की मिट्टी का ही असर है कि योग के क्षेत्र में यहां से ऐसा सब कुछ हो पा रहा है। ज्ञातव्य हैं कि सबसे पहले अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन भी 1990 में भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से सहारनपुर वासी योग गुरु भारत भूषण के नेतृत्व में ही किया गया था, जिसके लगातार आयोजन 25वें वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत का फैसला यू एन ओ ने 2014 में लिया।
2015 के प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कर्टन रेजर समारोह को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में संबोधित करते हुए योग गुरु भारत भूषण ने ही “मोदी जी का यह उपहार: योग करे सारा संसार” नारा दिया। योग दिवस समारोह 2016 से भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय योग गीत की घोषणा की और संयोग देखें कि जो गीत अंतरराष्ट्रीय योग गीत बना।
वह भी सहारनपुर के मोक्षायतन योग संस्थान साधक धीरज सारस्वत ने दिया था।२०१७ में गुरु भारत भूषण की पहल पर उत्तर प्रदेश के गवर्नर हाउस में योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन करके प्रदेश का राज भवन योग दिवस कार्यक्रम करने वाला देश का पहला राज भवन बन गया। इतना ही नहीं जिला प्रशासन शिक्षा विभाग और आम नागरिकों के सहयोग से 163000 लोगों की प्रतिभागिता और योग दिवस से पहले ही लगभग 200000 विद्यार्थियों को योग से जोड़ कर विश्व कीर्तिमान सहारनपुर ने बनाया। 2018 के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सहारनपुर ने एक नया इतिहास रचा जब दक्षिण अमेरिकी देश सूरीनाम में सहारनपुर के योग गुरु भारत भूषण के योग सत्र में विश्व इतिहास में पहली बार 2 देशों के राष्ट्रपतियों ने एक साथ योगाभ्यास किया। 2019 के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उनकी परिकल्पना अश्वारोही योग में सेना के घोड़ों की पीठ पर योगाभ्यास का सफल रिकॉर्ड सहारनपुर में बनते हुए दुनिया ने देखा। इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सहारनपुर के मोक्षायतन योग संस्थान द्वारा दिए गए कोरोनावायरस निरोधक प्रोटोकॉल योग के क्षेत्र में हर साल नया रिकॉर्ड बनाने के सहारनपुर के योगदान को अटूट रखा है।
आयुष मंत्री भारत सरकार पद यशू नायक, आयुष मंत्रालय में सचिव पी एन रंजीत कुमार और योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सलाहकार मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक ईश्वर बासव रेड्डी ने कोविड-19 से रक्षा के लिए मोक्षायतन योग संस्थान के द्वारा दिए गए इस योग निदान का अभ्यास करने का परामर्श लोगों को दिया है।
सहारनपुर में लॉकडाउन के चलते आज कोई योग समागम संभव नहीं होने के कारण जिज्ञासुओं ने अपने घरों पर रह कर ही स्काइप, फेस बुक, यूट्यूब व ज़ूम आदि ऐप्स के माध्यम से योग गुरु से योग के गुर सीखे व दूर रकर योग गुरु के संग कोरोना रोधी योगाभ्यास व जिज्ञासा समाधान करने का आनंद लिया।
स्वामी भारत भूषण ने कहा की योग में ये बड़ा विचित्र विरोधाभास है कि यह हमें शरीर की दूरी बनाए रखने व आत्मीयता के स्तर पर बहुत निकट आ जाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग ने करने की सलाह दी और कहा कि अनेक मानसिक रोग सोशल डिस्टेंसिंग के कारण होते हैं अतः सामाजिक रूप से हमें निकटता बनाकर रखनी चाहिए लेकिन जब सोशल डिस्टेंसिंग कहा जाता है, वहां हमारी सरकार और प्रधानमंत्री जी का मंतव्य फिजिकल डिस्टेंसिंग यानी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने से है।