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लोकजन टुडे , लक्सर

रिपोर्टर प्रवीण सैनी:-

यमुनानगर की प्लाई फैक्ट्री में काम कर रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश व बिहार के तीस मजदूरों को फैक्ट्री मालिक ने निकाल दिया। मजदूर आठ दिन पैदल चलकर देर शाम बालावाली बॉर्डर पर पहुंचे, लेकिन वहां पुलिस ने लाठी फटकारकर उन्हें वापस भगा दिया। मजदूर फिलहाल लक्सर में रुककर आगे जाने की मांग पुलिस प्रशासन से कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के अरविंद, पतरू, रामदमन, उदवान, मुन्ना, विपिन बिहारी, रमाकांत, लवकेश, दिलीप, सूरज, श्रवण, रामप्रकाश, पप्पू, महाराजगंज के बिरजू, भरत, ध्रुव, राजू यादव, उड़यभान, आजमगढ़ के प्रदीप कुमार और मोतिहारी (बिहार) के रामबाबू, देवेंद्र, विकास, विद्यानंद, किशोर, दिनेश, कृष्ना, संदीप, धर्मेंद्र, बृजकिशोर सहित कुल तीस लोग हरियाणा के यमुनानगर की एक प्लाइवुड फैक्ट्री में काम कर रहे थे। लॉकडाउन के करीब एक महीने तक तो फैक्ट्री मालिक उन्हें खाने के लिए अनाज, सब्जी आदि देता रहा, पर लॉकडाउन पार्ट 1 की अवधि बढ़ाए जाने के तुरंत बाद फैक्ट्री मालिक ने उन्हें राशन देना बंद कर दिया। करीब दस दिन उन्होंने अपने पास से पैसा खर्च कर राशन लिया पर दस दिन में उनकी जमापूंजी निपट गई। लिहाजा मजबूरी में वे पैदल घर जाने को निकल पड़े। आठ दिन चलकर शुक्रवार शाम वे लक्सर से सटे बालावाली बॉर्डर पहुंचे, लेकिन आरोप है कि बॉर्डर पर तैनात पुलिस ने उन पर लाठियां फटकारकर वापस लौटा दिया। रात करीब एक बजे वे वापस लक्सर पहुंचे। यहां रामरसोइ चला रहे युवकों ने उनकी बात सुनने के बाद रात में ही खाना पक्वाकर उन्हें खिलाया। लिखे जाने तक सभी तीस मजदूर लक्सर में रेलवे लाइन के किनारे पड़े हुए हैं।

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