ईरानी महिलाओं ने एलेन मस्क से मांगी मदद

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हिजाब के विरोध में विश्वभर में कई प्रदर्शन हो रहे है। कुछ लोग हिजाब का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसका विरोध। ईरान में भी महिलाओं ने हिजाब के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। ईरान के कई शहरों में हिजाब के विरोध में प्रदर्शन हुए हैं जिसमें कई लोगों की  मौत की खबर सामने आ रही है। सरकार की तरफ से आंदोलन को कुचलने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। इनमें इंटरनेट पर प्रतिबंध भी शामिल है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने एकजुटता को बनाए रखते हुए और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की सही तस्वीर को पेश करने के लिए ट्विटर पर स्पेसएक्स और स्टारलिंक के संस्थापक एलन मस्क से मदद की गुहार की है। आपको बता दें की  स्टारलिंक और स्पेसएक्स 9  रॉकेट  उपग्रहों की एक बड़ी प्रणाली को कक्षा में पहुंचाने के लिए करता है जो ब्रॉडबैंड-स्तरीय इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है। मस्क और उनकी स्टारलिंक टीम ने रूसी ठिकानों को निशाना बनाने में यूक्रेन की सेना की मदद की, इसके लिए उनकी सराहना हुई।

 

ईरानी प्रदर्शनकारियों ने ट्वीट में मस्क से ईरान में स्टारलिंक को सक्रिय करने का अनुरोध किया है। उनकी अपील है कि मस्क की कंपनी उनके आंदोलन की खबरो को साझा करने में मददगार बन सकती है।

 

अमेरिकी सरकार भी प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ

 

अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने एक ट्वीट में कहा कि, बाइडेन प्रशासन ने ईरानी प्रदर्शनकारियों की इंटरनेट तक पहुंच बनाने के लिए कदम उठाए हैं। उनके इस ट्वीट पर मस्क ने जवाब दिया कि, स्टारलिंक को सक्रिय कर रहा हूं।

 

इस बीच, व्हाट्सएप चलाने वाली कंपनी मेटा के खिलाफ ईरान में जबरदस्त रोष देखने को मिला है हालांकि कंपनी ने घोषणा की है कि, वो ईरानी एकाउंट्स को नहीं रोक रही और उन्हें जारी रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

 

खबरों के अनुसार, ईरानी प्रदर्शकारी टेलीग्राम पर ज्यादा यकीन कर रहे हैं। ईरान में टेलीग्राम के 86,000 से अधिक फॉलोअर हैं। प्रदर्शन के दिनों में ईरानी ऐसी किसी ऐप पर निर्भर नहीं रहना चाहते जो उनके लिए जोखिम बढ़ाए।

 

आपको बता दें कि ईरान में 22 वर्षीय युवती की पुलिस हिरासत में मौत के बाद बवाल उठ खड़ा हुआ। पुलिस ने उसे ढंग से हिजाब न पहनने के जुर्म में गिरफ्तार किया था। ईरान में इस कार्रवाई के बाद देश भर में प्रदर्शन शुरू हो गए। दंगो को कुचलने की भरसक कोशिश जारी है और पुलिस कार्रवाई में अब तक कम से कम 35 प्रदर्शकारियों के मारे जाने की खबर है। देश भर में दंगारोधी पुलिस की तैनाती बढ़ाई जा रही है और वे प्रदर्शकारिययों पर गोलियां चला रहे हैं। आंदोलन के सामने इस समय सबसे बड़ी समस्य़ा अपनी बात लोगो तक पहुंचाने की है क्योंकि मीडिया पर सरकारी नियंत्रण और बंदिशें हैं और इंटरनेट कई जगहों पर बंद कर दिया गया है।