पौड़ी: 68 गांव के ग्रामीणों को आज भी हर रोज पेयजल संकट…

Share your love

https://youtu.be/JUMc8YMGIqc

रिपोर्ट: मुकेश बछेती

पौड़ी: पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लाक में 27 करोड़ की लागत से बन रही चिन्वाडी डांडा पेयजल पंपिंग योजना 4 साल बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों की हलक को अब तक तर नहीं कर पाई है। ऐसे में इस योजना से लाभानवित होने वाले 68 गांव के ग्रामीणों को आज भी हर रोज पेयजल संकट से दो चार होना पड़ रहा है।

वहीं जलस्त्रोतो के भरोसे बैठे ग्रामीणों की दिक्कत अब गर्मी बढ़ा रहा है। गर्मी बढने से जलस्त्रोत सूखने लगे हैं। जिससे ग्रामीणों की दिक्कते अब और बढ गयी हैं। फिर भी बूंद बूंद पानी को तरसती इस क्षेत्र की जनता इस पेयजल योजना से अब तक एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो पाया। जबकि पेयजल योजना के तहत वाटर टैंक और पाईप लाईन का जाल बडी तेजी के साथ बिछाया गया, लेकिन बावजूद इन सबके अब भी इस क्षेत्र के अधिकत ग्रामीण मीलो चलकर जलस्त्रोतो से ही पानी की आपूर्ति के बाध्य हैं।

ग्रामीणों की माने तो साल 2003 से ही वे लोग पेयजल पंपिंग के इस ब्लाक को जोडने की मांग सरकार से कर रहे थे। जिसके लिये उन्होने कई आंदोलन भी किये। जिस पर काफी लेट लतीफी के बाद साल 2016 में हरीश रावत सरकार के दौरान 27 करोड़ की लागत से बनने जा रही है। जबकि अधिकत गांव आज भी योजना से लाभानवित होने का इंतजार ही कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने निर्माणदायी संस्था और पेयजल निगम को अब सवालो के कटघरे में खड़ा है। ग्रामीणो का कहना है कि योजना में कई तरह की खामिया भी उन्हे नजर आ रही है, हालांकि पेयजल निगम की माने तो कई बार विधुत आपूर्ति ठप होने कारण जिन गांवों को पानी के आपूर्ति की भी जा रही थी। वहां भी पानी अफलिफटिंग न होने के कारण कुछ दिनों से पेयजल आपूर्ति नहीं हो पाई हैं।

वहीं योजना में देखी जा रही खामियो को दूर करने के लिये इस क्षेत्र का मुआयना करने का आश्वासन पेयजल निगम के अधीशासी अधिकारी ने दिया है। जिससे योजना में काई कमी पेशी न रह जाये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *