दिल्ली के बाद अब देहरादून में भी लगे पोस्टर, मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी…!

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देहरादून: देशभर में कोरोना वैक्सीन की कमी है। देश में वैक्सीन की कमी के कारण अब इस पर जमकर सियासत भी होने लगी है। दिल्ली में सबसे पहले मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी? के पोस्टर लगे थे। इसके लगने के बाद 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। लोगों की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इसका विरोध किया।

वही उत्तराखंड कांग्रेस ने अपने मुख्यालय के बाहर पीएम मोदी से पूछे गए सवाल का पोस्टर लगाया जिसमें कहा गया है कि मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी। आपको बता दें कि इस मामले में अभी तक दिल्ली में 25 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं इसका विरोध भी किया जा रहा है। बता दें कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है एक वकील ने याचिका दायर की है।

पोस्टर के तेजी से वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और दूसरे नेताओं ने भी इन पोस्टरों को अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तो शेयर किया ही साथ ही अपनी डीपी भी लगाई। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और देखते ही देखते कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया। दिल्ली से ये पोस्ट वार अब देहरादून भी पहुँच चुका है। देहरादून में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर दो पोस्ट लगाए हैं। देश में वैक्सीन की कमी होने के बाद से ही यह मामला तेजी से चर्चा में है कि देश में व्यवस्था करने के बजाय मोदी सरकार ने वैक्सीन को पहले विदेशों को भेजा, जबकि अपने देश में वैक्सीन की कमी है।

आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ‘मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया’ लिखे पोस्टर लगाए जाने पर गिरफ्तारियों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन की देश में कमी होने के बावजूद विदेशों को भेजने पर पीएम मोदी से सवाल करते हुए पोस्टर लगाना कोई अपराध नहीं है। प्रदीप कुमार यादव नाम के वकील की ओर से दायर इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वो दिल्ली में इस मामले से जुड़ी सभी एफआईआर रद्द करने का आदेश दे और पुलिस को कार्रवाई करने से रोके।

प्रदीप कुमार यादव ने याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट खुद ये कह चुका है कि अभिव्यक्ति की आजादी को किसी नागरिक से छीना नहीं जा सकता है। ऐसे में अगर कोई सरकार की कोरोना टीकाकरण नीति पर सवाल उठाता है तो उसके एक अपराधी की तरह से सुलूक नहीं किया जा सकता है। पोस्टर लगा देने पर दिल्ली पुलिस ने एक ही दिन में 24 एफआईआर की और 25 गिरफ्तारियां की हैं। इन पर सुप्रीम कोर्ट इस पर दिल्ली पुलिस को तलब करे और दर्ज एफआईआर रद्द की जाए।