सत्ताधारी कम उम्र के नेताओं को वैक्सीन लगाने के मामले में इंचार्ज डॉक्टर हरेंद्र मलिक को सीडीओ ने लगाई फटकार, लापरवाही पर आखिर कार्यवाही कब?

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लोकजन टुडे

रूद्रपुर। जनपद में टीकाकरण केंद्रों पर सत्ता पक्ष से जुड़े कई लोगों को नियम ताक पर कोरोना की वैक्सिन दे दी गई। वैक्सिन लेने वाले केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 45 वर्ष उम्र से कम के लोग थे। इन लोगों ने वैक्सिन लेने के बाद अपनी फोटो सोशल मीडिया पर डाल दी। जिसके बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और मुख्य विकास अधिकारी ने टीकाकरण अभियान में लापरवाही करने पर टीकाकरण इंचार्ज डाॅ. हरेंद्र मलिक को जमकर फटकार लगाई, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई करने के स्थान पर केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया।

मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि कोविड-19 महामारी की द्वितीय लहर के बढते प्रकोप की रोकथाम के प्रभावी कार्यवाही हेतु चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार वर्तमान में 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को कोविड-19 का टीका लगाये जाने का कार्य चल रहा है। शासन द्वारा वर्तमान में जो वैक्सीन डोज उपलब्ध् करायी जा रही है वह 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों हेतु ही है। उन्होने बताया है कि संज्ञान में आया है कि टीकाकरण केद्रों में 45 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को भी कोविड-19 का टीका लगाया जा रहा है, जो कि कोविड-19 से संबंधित वर्तमान में प्रचलित उत्तराखंड शासन के निर्देशों का उल्लघंन है। उन्होने एसीएमओ डा0 हरेन्द्र मलिक को चेतावनी देते हुये कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के कार्य में अनुश्रवण व पर्यवेक्षक की कार्यवाही न करते हुए अपेक्षित रूचि नही ली जा रही है जोकि आपके स्तर से गम्भीर लापरवाही का द्योतक है।  उन्होने ने एसीएमओ डा0 हरेन्द्र मलिक को स्पष्ट निर्देश दिये है कि अपने स्तर से संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों से अनुश्रवणव पर्यवेक्षण की कार्यवाही कराते हुये कोविड-19 टीकाकरण हेतु वर्तमान में प्रचलित दिशा-निर्देशानुसार कोविड-19 का टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि टीकाकरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये, अन्यथा की स्थिति को गम्भीरता से लेते हुये प्रतिकूल संज्ञान लिया जायेगा। उन्होने कहा कि निर्देशों का अनुपालन गम्भीरता से सुनिश्चित कराये। उन्होने कहा कि निर्देशों की अवहेलना अथवा लापरवाही पाये जाने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम ,2005 महामारी अधिनियम 1897 सहपठित रेगुलेशन 2020 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।

उल्लेखनीय है कि सत्ता से जुड़े कुछ नेताओं के नजदीकों को कोरोना का टीकाकरण केंद्रो पर कर दिया गया। जिसका खुलासा टीकाकरण कराने वालों ने ही सोशल मीडिया पर कर दिया। जिसके बाद आम जनता में भारी रोष फैल गया। लोगों का कहना है कि टीकाकरण में भेदभाव किया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना ने टीकारण के इंचार्ज को केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया है, जबकि किसी तरह की कार्रवाई करने के लिये कोई कदम नही उठाया है। केंद्र व प्रदेश सरकार के नियमों को टीकाकरण इंचार्ज ने जिस तरह ताक पर रख कर सत्ता पक्ष के लोगों का टीकाकरण करवाया है। उसके लिये तत्काल ही निलंबित करने की कार्रवाई की जानी चाहिए थी, लेकिन इंचार्ज के विरूध ( कोई ठोस कदम नही उठाना जिला प्रशासन व शासन की नियत पर सवाल उठाता है।